क्यों ना हम खो जाए

क्यों ना हम खो जाए
इन्हीं नजारे में सो जाए

सुरमई उजाला है तेरे पास
तेरी बाहों में ही सो जाए

अपनी स्मृतियों में समेट लूॅ॑
ना कहीं फिर ये खो जाए

दर्दे दिल तड़प रहा है कब से
तुम आओ ! आराम हो जाए

---राजकपूर राजपूत''राज''

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