दिल मेरा घायल हुआ..

Dil Mera Ghayal Hai Poem Hindi 


दिल मेरा घायल हुआ पहली ही नज़र से
उसकी निगाह उठी जो चुपके चुपके से

नज़रें मिली और चली गई वो प्यार से
अभी अभी निकली थी वो अपने घर से

मिलने की फ़रियाद है परवर-दीगार से
महबूब की तस्वीर बस गई मेरे सीने से

वो सम्हलकर रहते आजकल की दुनिया में
उसे एतबार नहीं है अब किसी से

हंसने के लिए हंसते और सबसे मिलते हैं
मगर दिल साफ नहीं है डरते हैं किसी बात से

अब रूखा सूखा रहते हैं वो हमेशा
बार बार चोट खाया है किसी की चालाकियों से

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---राजकपूर राजपूत''


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