You are the best Kavita Meregeet
तुम ही अच्छे होते तो,,
मैं खुद से बातें क्यों करता
हर पल तेरी यादों में
जीता और मरता
तेरी यादों को
सजाता...
रात के अंधेरे में
रौशनी बन जाते तुम
और तेरी तड़प में
सुकून ढूॅ॑ढ़़ लेता
तन्हाई बिसर जाती
लेकिन ...
तुने मेरे दिल को
तोड़ दिया,,
मेरा साथ छोड़ दिया
मजबूर कर दिया
तुने मुझे
खुद से बातें करने के लिए
कभी कभी सोचता हूॅ॑
मेरी चाहत में
कमी तो नहीं
या फिर मेरा प्रेम
धोखे में तो नहीं
जो कोमल भावों को
तुझपे
अर्पण कर दिया था
जिसे सहारा ना मिला
तुम्हारा...
मेरे मन को
अंतहीन सवालों में
उलझा के,,, छोड़ दिया
जिसका जवाब ढूॅ॑ढ़ता हूॅ॑,,,
तलाश करता हूॅ॑
खुद में
और तुम्हारे बिना
जीवन एक अवसाद
बन के रह गया
उम्र भर... !!!
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तुम ही अगर अच्छे होते
तो क्या मैं सच्चे न होते
मैं क्यों खुद से ख़फ़ा होता
न ये गलती मुझे
महसूस होता
प्यार कोई गुनाह है
अगर तुम ही अच्छे होते
रिश्ते यूं न कच्चे होते
यदि तुम मुझे सबसे बेहतर पाते
तुम्हें यूं याद आ जाते
बातचीत का सिलसिला जो शुरू होता
ये दिल क्यों रोता
तुम तो समझा लेते !!!!
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---राजकपूर राजपूत
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