ऐ ! बादल बरस ज़रा

ऐ ! बादल बरसो ज़रा
मेरे दर्द को समझो ज़रा

तरसा हूॅ॑ तेरे लिए बहुत
अब ना तड़पाओ ज़रा

प्यासी है अखियाॅ॑ मेरी
मेरी प्यास बुझा दो ज़रा

फूलों सा खिल जाऊॅ॑ मैं
भौरा पास आओ ज़रा

गरजो बरसों रे बंदरिया
सतरंगी जिंदगी दिखाओ ज़रा

बाट निहारें अखियाॅ॑ मेरी
कोई बूंद बरसाओ ज़रा

उम्र गुजर रही है धीरे धीरे
अपने प्रेम से नहलाओ ज़रा
---राजकपूर राजपूत''राज''
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