बस इतनी सी बात है

bas-itni-si-bat-hai-कुछ बातें ऐसी होती हैं । जिसे समझना पड़ता है । दिल की भावनाओं से ।‌‌‌‌‌‌‌‌जो दिमाग से पकड़ में नहीं आते  हैं  ! भावनाओ की प्रबलता के कारण से शक्ति प्राप्त होती है !जिसके सहारे ठहरा जाता है !जो मन को स्थिरता प्रदान करती है ! चुकी भावनाओं में बुद्धि की नमी होती है ! दुःख ज्यादा मिलता  है ! खुद को ही समझाना पड़ता है !   

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बस इतनी सी बात है 


मैं रात के अंधेरे में
तुझे तलाशता हूॅ॑
हाॅ॑ उसी तम में
जहाॅ॑ से दुनिया
ना दिखे
मुझे
क्योंकि उसे मैं
छोड़ चुका हूॅ॑
सारे रिश्ते
तोड़ चुका हूॅ॑
तेरे लिए 
ताकि
तेरा चेहरा
उस अंधेरे में
एक रौशनी बनकर उभरे
और मेरे हृदय में
प्रज्वलित हो कर
सदा के लिए
समा जाए
जिसे मैं
निहारता रहूॅ॑
स्थिर होकर
निर्भर होकर
जीवन भर
बस इतनी सी
बात है
हाॅ॑ मुझे तेरी
तलाश है !!

कह कर भूल गया
कुछ वादे
और मैं उसी वादे के भरोसे में 
इंतजार करता रहा
शायद ! ऐसा ही मेरा प्यार रहा
बस इतनी सी बात है !!!

मुझसे वो जुड़ा न रहा 
इसलिए बिन जिम्मेदारी के
मुझसे कहा 
मेरी भावनाओं को
समझें बिना
जो मर्जी
कहता गया
और मैं
उसके प्यार में था
इसलिए कहते न बना
बस इतनी सी बात है !!!


---राजकपूर राजपूत

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