तेरे साथ ही मुझे जीना मरना है
शुकून भरा है ये लम्हा जो तुम आए
दिली तमन्ना है तेरे पास ही रहना है
लेके तेरी याद हर पल भटकता हूॅ॑
दुनिया भटके दर दर मुझे तुम्हें पाना है
ये रात बीतें तेरी यादों में तड़पते हुए
दिन में तो मुझे बस आहें भरना है
बहुत हुआ तड़पाना तेरा अब आ जाओ
मुझे बस तुम्हें इतनी सी बात कहना है
---राजकपूर राजपूत''राज''
0 टिप्पणियाँ