मेरा प्यार कभी मरा नहीं

मेरा प्यार कभी मरा नहीं
शायद ! तुने इसे समझा नहीं

चाॅ॑द का सफर तन्हा रातभर
शबनम है जमीं पर देखा नहीं

फूलों के खुशबू में देखा है तुझे
गुजरा तेरे गलियों से देखा नहीं

खुबसुरत जलवा है तेरे लाखों मगर
कोई मुझसा तुम्हें देखता नहीं

तुने मेरे प्रेम को हक मान बैठे
जीते तेरी याद में तुने दिल में रखा नहीं

जा तु खुश रहे सदा दुआ है मेरी
क्योंकि मेरा प्यार अभी मरा नहीं

-----राजकपूर राजपूत "राज"



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