जलवा देखें हैं लाखों मगर तुझसा नहीं

nobody like you ghazal in hindi 


जलवा देखें हैं लाखों मगर तुझ सा नहीं
तुझमें है बात या देखता कोई मुझ सा नहीं

वैसे तो ये जिंदगी तन्हा, उदास सफ़र भर
तेरी सूरत हो सामने तो घिरे पास नहीं

इरादा है ज़िंदगी को काटेंगे तेरी बाहों में
ये चिलचिलाती धूप कोई छांव तुझ सा नहीं

ये अदाएं तेरे क़ातिल है दिल मेरा बेचारा
मर ना जाएं कहीं कोई दीवाना मुझ सा नहीं

अभी रुक जा ठहर जाना तुम
मेरी प्यास है अधूरी प्यासा कोई मुझ सा नहीं  !!

मैंने कभी नहीं कहां तुम मुझे चाहों 
तुम मेरी बन के सदा रहो
ये तो मेरे दिल का एतबार है
मैं तुम्हें चाहूं और तुम खुश सदा रहो !!!



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