बात है मेरे दिल का इशारा तो समझिए
बात है मेरे दिल का इशारा तो समझिए
खेलता है सारा जहाँ इरादा तो समझिए
खुदी की ऑ॑ख, अश्क बहते हैं रात-दिन
रोता है क्यों जिन्दगी जरा तो समझिए
मुश्किल नहीं हैं इस जहाँ में कोई काम
तमन्ना आसमान की, पहले जमीं तो समझिए
यूॅ॑ तो कई बहाने हैं जीने के वास्ते उदास क्यों
बड़ी मुश्किल से मिली जिन्दगी ठहर के समझिए
दौड़ती है जिन्दगी तलाशे हैं क्या-क्या
धरे खजाने उदास क्यों अरमान तो समझिए
जिन्दगी की इस दौड़ में फुर्सत नहीं है आठों पहर
जीना कठिन, मरना आसान,दो पल का प्यार तो समझिए
घबराहट में खेते हो नाव राज दूरियाॅ॑ ही बढ़े
बीच समन्दर पड़े हो साहिल तो समझिए
___राजकपूर राजपूत'राज'
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