poem on sadness hindi
दूसरो से न कहो,मेरा दुःख ज्यादा है
तुम्हें पता नहीं सबका दुःख ज्यादा है
ये तेरा मानना है कि तुम ही सही हो
चाय पानी का खर्च मांगना भी ज़्यादा है
ये उदासियां बताती हैं कि कुछ फैसला कर
हर चीज में जिरहबख्तर कुछ ज्यादा है
असलियत छुपाने की आदत सी है तुम्हें
ये मेकअप और लिपस्टिक कुछ ज्यादा है
पीने की आदत है तो पानी मिलाकर पीओ
भरें हुए गिलास में शराब कुछ ज्यादा है
समझते हैं इस दौर की चालाकियां 'राज'
नजदीकी लोग ही मतलब निकालते ज्यादा है
__राजकपूर राजपूत'राज'
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