poetry inspirational
Jivan bada anmol hai
तुम्हें किस बात का ग़म है
क्या तू किसी से कम है
दूजे के बारे में सोचना छोड़ दें
खुद से नाता जोड़ दें
खुद का तेरा विश्लेषण हो
भय रत्ती भर न शेष हो
आ निकाल फेंक अब तू
उदासी भरा जीवन न सोच तू
यहीं वक्त है संभलने का
कुछ कर गुजरने का
जीवन बड़ा अनमोल है
जिसका न कोई तोल है
देखो, सोचो, और समझो
खुद की दृष्टि का यहाॅं मोल है
चलते हैं जो पराएं की बातों पे
जो राय बनाते हैं पराएं की बातों पे
ऐसी दृष्टि बनती है क्यों दूसरों से
अपनी पहचान मिटाते हैं इस जग से
ऐसा कर्म करो स्वयं की पहचान रहे
जिंदा हो तो दिल में अरमान रहे !!!
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