प्रेम एक तड़प ,दर्द है तो एक सुकून भी है !Prem kavita in Hindi जिसके आसपास रहने से पूर्णता का अहसास होता है !इसके बिना जीवन में शिकायत बहुत आती है !जो अपूर्णता का प्रदर्शन है !अस्थिर मन की लाचारी है ! जिसे किसी से प्यार मिला है ! उसे और कुछ पाना शेष नहीं है !
लेकिन प्रेम की भी अपनी सीमा है ! जिसमें आत्मसम्मान ,अपनापन , परस्पर सहयोग , आपसी समझ जरूरी है ! इनके आभाव में प्रेम जुडाव महसूस नहीं कर पाता है ! पढ़िए ऐसे ही बिखरे प्रेम का अहसास को
Prem kavita in Hindi
प्रेम जब तक स्मृतियों में
तब तक मधूर है
हो सकता है
जब प्रेम के घेरे में आओ तो
स्मृति खो जाय
और प्रेम की मधुरता को
तुम स्पर्श न कर पाओ
इसलिए प्रेम
स्मृतियों में रहे तो अच्छा है !!!
love poem
प्यार और वक्त
तुम वक्त गुजारने आई थी
और मैं जिंदगी की तलाश में
वक्त क्या गुजरा
तुम भूल गई
इस तरह मेरी जिंदगी
अधूरी रह गई !!!!
वक्त लगेगा तुझे भूलाने में
बेशक तुने देर न की मुझे रूलाने में
मैं ठहरा हुआ पानी आखिर सूख जाऊंगा
तेरे प्यार की तपिश लगे हैं मुझे सूखाने में, जलाने में !!
मेरी शून्यता टूटी नहीं
सदा महसूस करता रहा
खाली - खालीपन
किसी दार्शनिक की तरह
वैराग्यपन भरे हुए
तलाश करता रहा
एक प्रेम
जिससे भरा जा सके
अपनी दुनिया !!!
प्रेम और जीवन
जो अपनी व्यस्तता में
याद नहीं कर पाता है
वह अपनी जिंदगी में
किसी से प्यार नहीं कर पाता है
हंसना, बातें करना व्यवहार है
जिंदगी जिसके लिए व्यापार है
मुस्कुराना अलग बात है
ऐसे लोग दर्द समझ नहीं पाता है
जो अपनी व्यस्तता में
याद नहीं कर पाता है
चले साथ दो कदम
और साथ देने का अहसास कराता है
शब्दों में न प्यार दिखें
और प्यार होने का ढोंग जताता है
ऐसे लोगों के रिश्तों से
आदमी पछताता है
जो व्यक्ति अपनी व्यस्तता में
याद नहीं कर पाता है
वो अपनी जिंदगी में
किसी से प्यार नहीं कर पाता है !!!
अत्यधिक प्रेम
तुम्हारे लिए उबाऊ हो सकता है
यदि तुम
प्रेमी बन के
हाथ डाल के
कांधे पे सर रखकर
अकेले में
घंटों नहीं बैठ सकते हो तो !!!
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प्रेम कविता हिन्दी |
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