chalak-log-kavita-hindi सोचा हुआ होता नहीं

हर आदमी आजकल चालक हो गया है !chalak-log-kavita-hindi सबको मतलब साधना आ रहा है ! बस मौके की तलाश में रहते हैं ! जिसको अवसर मिलता है ! वहीं हाथ मारता है ! 

अब के ज़माने में जीना है तो इन्हीं बातों का ध्यान रखना पड़ेगा ! स्वीकार करके चलना पड़ेगा ! ऐसे लोगों से बचना पड़ेगा ! चालक लोग बहुत कम होंगे जो दूसरों के बारे में सोचते हैं ! 

प्रस्तुत है इन्हीं लोगों पर कविता -चालाक लोग पर कविता 👇

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सोचा हुआ होता नहीं
जिसे चाहा, हमारा हुआ नहीं
कमब्खत ये हाथों की लकीरें
मिटाया मगर मिटा नहीं
वो वादा बहुत किए मगर
एक भी निभाया नहीं
उसे हंसने की आदत है
वो सोचता है अभी दिल तोड़ा नहीं
गिरकर भी नाक ऊंची की है
खुद्दारी कभी सीखा नहीं
माना मोहब्बत की दुकानें सजी है
मगर जलन किसी ने छोड़ा नहीं
बातों के ज्ञानियों को क्या कहें
दूसरों को समझाते हैं खुद समझा नहीं
आज और कल एक ही था
वो अभी इरादा बदला नहीं
मैं उसे चाहूं तो चाहूं कैसे
कभी दिल से पुकारा नहीं
रिश्तों की दुरियां ही कुछ ऐसी हैं
जिसे समझा अपना उसने समझा नहीं 
आस का दामन मत छोड़ो
प्यार जोड़ों, नफ़रत छोड़ो
जितना जो लफ्ज़ घुमाता है
आदमी उतना उलझाता है 
ऐसी चालाकियों को छोड़ो
प्यार जोड़ों, नफ़रत छोड़ो 
कल न हम बुरे थे न आज हैं
तुम्हारा रिश्ता मतलब का मोहताज है
मतलब निकल जाने के बाद रिश्ता न तोड़ो
प्यार जोड़ों नफ़रत छोड़ो !!!

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जब से उसने बोलना सीखा है
हर चीजों पे राय देना सीखा है
जिसको नहीं है असलियत का पता
उसने भी ज्ञान देना सीखा है
ये अभिव्यक्ति है की नफ़रत है
दूसरों की खिल्ली उड़ाना सीखा है
होंगे वो कोई ज्ञानचंद बहुत बड़ा
जिसने सबको बहकाना सीखा है
वो गिरकर भी मुस्कुरा लेता है
निर्लज्ज पन अच्छा सीखा है
जयचंदो की बाढ़ है अब
पैसों के खातिर बिकना सीखा है
झूठ के दिन भी बड़े अच्छे हैं
ग्वार भी अक्लमंदी सीखा है
संस्कार बता रही हैं उसकी भाषा
गला काटना भी सीखा है
बुरा काम का भी बचाव कर लेते हैं
सियासी दांव पेंच भी सीखा है !!!

जो मौन है

जो मौन है
वह कौन है
यदि जानना चाहते हो तो
उसे क्रियाशीलता में लाओ
हिलाओं या फिर डुलाओं
उसके स्वभाव का पता चलेगा
गति, प्रगति का अनुमान होगा
उसका झुकाव
या लगाव
स्पष्ट संदेश देगा 
किसे मानते हैं
किसे चाहते हैं
जो अभी तक बच के निकल रहे हैं 
बस उसे क्रियाशील करो
किसी एक पक्ष में झुकेगा
जो अभी तक
निष्पक्ष होने का ढोंग कर रहे हैं !!!!
जहां मतलब दिखें
वहां लोग मिलने आ गए
बस रिश्तों का शुरुआत हो गई ।। 
-rajkapur rajput

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