Prem-mai rahiy-jine-ke-liye एक पूर्णता का अहसास

Prem-rahiy-jine-ke-liye.-बिना प्रेम के जीवन बेकार है । किसी काम में मन नहीं लगता है । यदि काम के प्रति मन नहीं है तो जीवन बोझिल हो जाता है । ठीक इसी तरह से बिना Prem  के किसी व्यक्ति से संबंध स्थापित नहीं कर सकते हैं । 

Prem-mai rahiy-jine-ke-liye

 शामिल रहिए 

दूसरों की खुशियों में
चाहे व्यवहार से चाहे बातों से
ताकि लगा रहे मन
अपनो और पराए के बीच में
अपनापन के साथ
जैसे कुछ है
तुम्हारे साथ 
सब कुछ दुनिया में
पूर्णता का अहसास 
जीने के लिए 
लेकिन ध्यान रहे
केवल बातों से
व्यवहारों से
स्थिरता नहीं दे सकते 
मन को
जीत नहीं सकते किसी के 
हृदय को 
जब तक व्यवहार या बातें 
कार्यात्मक रूप में दिखाई न दे
मिलान न हो
बातों का और
व्यवहारों का 
संबंधों में !!!

ध्यान नहीं गया

वो आदमी बुरा था
पहचान न पाया
मैं प्रेम था
जो मेरा अहसास था
जब से महसूस किया
उसको
तब से मेरा प्रेम मर रहा है
धीरे-धीरे !!!

तुम खत्म कर दो
प्रेम को
क्योंकि प्रेम का कोई जुबान नहीं है
कह नहीं सकते
मुझे मत छोड़ो
जिस तरह से दुनिया
विरोध करती है
ठीक उसी तरह
नहीं कर पाता
किसी से इजहार
और तुम खत्म कर दो
दुनिया की डर से
अपना प्रेम !!!!

प्रेम में रहिए 
भले ही दुनिया मतलब में रहे 
कुछ सावधानी से 
अपने भीतर जीवित रहिए 
मत मरिए 
किसी के कहने पर 
प्रेम करने का दावा ठोकने वाले पर 
निभाने वाला देखिए 
प्रेम में रहिए !!!!
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Prem-rahiy-jine-ke-liye


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