समाज का व्यवहार सदा एक सा नहीं रहता है । apnapan quote in hindi.समय-समय पर कई महान संतों, ज्ञानी पुरुषों ने समाज को दिशा निर्देश किया है । जिसकी पवित्र सोच सबके लिए उपयोगी रहा है । समय बदला और समाज में तथाकथित बुद्धिजीवियों ने स्थान ग्रहण कर लिए । जिसके व्यर्थ के विचार जो केवल बहलाते, फुसलाते हैं । स्थापित किए हैं । जिसने व्यक्तिगत जीवन को इतना महत्व दिया है । समाजिक जीवन, न्याय व्यवस्था को हांसिए पर ला दिया है । पढ़िए इस पर कविता 👇
apnapan quote in hindi
अब रिश्तों में उत्साह न होगा
प्यार न होगा अपनापन न होगा
जिस नादानी में जीते- हंसते थे
बुद्धि की दुनिया में ऐसा संसार न होगा
तुम दोष दे सकते हो जग वालों को
तुम कब बदले तुम्हें अहसास न होगा
इस तरह से हमें तोड़ा है इस जग ने
आगे न संस्कृति होगी न संस्कार होगा
अभी भी वक्त है संभल जाओ हिंदुस्तानी
अपनी जैसी संस्कृति संसार में न होगा
उस आदमी का यकीन करते हो
जिसके पास न ज्ञान होगा न संस्कार होगा
उसे बस बोलना आता है समझदारी नहीं
जो कर्तव्य जानते नहीं बस अधिकार होगा !!!
समाज का चरित्र चलन निर्धारित करते हैं
जिसके अनुसार लोग व्यवहार निर्धारित करते हैं
अपना लेते हैं जो रोज देखते हैं
वहीं उसका चरित्र निर्धारित करते हैं
बुद्धिजीवियों ने जिससे सफलता पाई है
वहीं कर्म अपनाते हैं
न कह ये बदलाव कैसे आया है
बुद्धिजीवियों ने चालाकियों से लाते हैं !!!
प्यार कहीं और रखके
व्यवहार तो निभाया जा सकता है
लेकिन रिश्ता नहीं
संबंध बनने से रिश्ता नहीं चलता
जब तक निभाते नहीं !!!!
बुद्धि से कोई कमजोर नहीं
चाहत पर जोर नहीं
जब से संतुष्ट हुआ
दिमाग कमजोर हुआ
सोच खत्म हो गई
और विचार शून्य
नयापन, नवसृजन
दूर की चीजें
तब चालाक लोगों को मौका दिखें
सोच भरने की कोशिश हुई
भ्रम फ़ैला कर
नज़रिया बदला !!!!
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-rajkapur rajput
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