मोह माया से ऊपर उठा हुआ आदमी-
मोह माया से ऊपर उठा व्यक्ति की दृष्टि में समता का भाव होता है ।
seductive-man-article
वो जिधर भी देखता है । स्वयं के जैसा देखता है । उसके लिए दुनिया का क्रिया/प्रतिक्रिया आश्चर्य नहीं लगता है । सभी अपनी अपनी प्रकृति में क्रियाशील है । उसके लिए न कोई स्त्री है न पुरुष । बस शारीरिक बनावट का अंतर , जिसके कारण क्रियाशीलता में भिन्नता दिखाई देती हैं ।
seductive-man
इसी तरह से अन्य जीवों के प्रति दृष्टि होती है । जो यह देखता है कि सबके भीतर एक तत्व (ऊर्जा स्वरूप) विद्यमान है । जिसके निकलते ही संजीव, निर्जीव बन जाते हैं । इसी तत्व के ध्यान, स्मरण और सांनिध्य में रहते हैं । ऐसे लोगों को पहचानने के लिए उसी दृष्टि की आवश्यकता होती है । ऐसे व्यक्ति में अंतर कुछ नहीं होता है । बस दृष्टि का होता है । देखने में सांसारिक दुनिया के लिए निम्न स्तर का जबकि उसकी दृष्टि में दुनिया निम्न स्तर की है । क्योंकि हम अपनी माया में हैं जबकि मोह माया से ऊपर उठा हुआ आदमी अपने ज्ञान में स्थिर !!!!
-राजकपूर राजपूत
0 टिप्पणियाँ