आज का समाज जहाँ बूढ़े elderly-man-difficulties-article. /बुजुर्ग का सम्मान नहीं करता हैं ! लेकिन भूल जाता है कि आखिर एक दिन उसे भी उसी पड़ाव से गुजरना पड़ेगा ! जिस स्थान में आज बुढा आदमी है !
बुढा आदमी
elderly-man-difficulties-article- बुजुर्ग आदमी कोने में क्यों बैठता है-
क्योंकि वे जान गए हैं कि उसका महत्त्व नहीं हैं । अब के बच्चों का ध्यान किसी और चीज़ में है । मौखिक कहानी-किस्से से बेहतर विकल्प आ गए हैं । जिसमें उसे कल्पना करने की जरूरत नहीं होती है । सहजता से बिना दबाव और सोच के चलती है । जबकि किसी बुजुर्ग के पास सीमित और चुनिंदा कहानियां हैं । जिसके पास धैर्य से बैठना कठिन है ।
अपनेपन से उपेक्षित-
मनोरंजन के संसाधनों का विकास इस तरह से हुआ है कि हमें किसी भी व्यक्ति की जरूरत नहीं है । जबकि एक बुजुर्ग इन सब चीजों से लगाव नहीं रखता है । वो चाहता है कि उसके पास कोई बैठें, बातें करें । अपने अपनेपन की । जिससे उसके अस्तित्व का अहसास होता रहे सबको । शामिल रहे सबकी ख़ुशी और दुःख में । महत्व मिलता रहे । उसका भी अपने घर में । लेकिन ऐसा नहीं है लोग अब उसी चीजों को महत्व देते हैं । जिससे उसका महत्त्व बढ़ता है । लोग अब सुनना नहीं चाहते हैं बल्कि सुनाना चाहते हैं ।
एक कोने से झांकती आंखें-
ऐसे में एक बुजुर्ग अपनापन की तलाश में उपेक्षित । जिसे सुनने वाला कोई नहीं है । उसके मन की बातें कुंठित हैं । सबके मुंह ताकता है । नज़रें पढ़ती हैं । घर के हर व्यक्ति के दिल की बात । जहां उसे कोई पसंद नहीं करते हैं । इसलिए एक कोने में बैठे हैं ।
-राजकपूर राजपूत
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