वो स्वीकार नहीं कर पाते हैं
किसी बात को
सिवाय अपनी
कट्टरता का स्वरूप
उसका अलग है
जो दूसरों की कमजोरियों में
अपनी कमजोरियां छुपाती है
इसलिए बार - बार
दूसरों को याद दिलाती है
उसकी कमजोरियों को
(जो छोड़ना नहीं चाहते
अपनी बुराई को)
ताकि ध्यान हटा सके
अपनी ओर से
किसी हमलावर की माफिक
आक्रमकता दिखाती है
बार - बार
ताकि डराया जा सकें
बहुसंख्यक समाज को
अपनी मुर्खता से !!!!!
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