बड़ी उम्र में प्यार कविता प्रेम की

बड़ी उम्र में प्यार

इसलिए नहीं होता है कि
जिस्म की भूख 
पूर्ति की जाय
एक मस्ती की जाय

जो न मिला कभी
सीने को सुकून
एक थकान के बाद आराम 
दुनिया के पास 
जाने से 

बैचैन मन तलाशता रहा
अपने इर्द गिर्द अपनापन
एक संरक्षण
जो कर सके 
सुरक्षित सम्मान
समकक्ष में बिठाकर
हर दर्द को सहलाकर
निहार सकें
दर्द सभी
बिन कहे
उसी से होता है
बड़ी उम्र में प्यार !!!
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