my-enemy-is-here-how-many-ghazals-
मेरा दुश्मन है यहां कितने
पहचान नहीं पाया है जितने
मेरी हितैषी बन बैठे हैं
अंदर से दुश्मन है कितने
मेरी जान लेकर जाएगी
मेरा दोस्त न जाने है कितने
झूठ बोल के मुस्कुराते हैं कैसे
न जाने निर्लज्ज है कितने
सिस्टम हमारा है ,उसका दावा है
हमारा कुछ नहीं कमजोर है कितने
नग्नता में ही अब फैसला है
अच्छे इंसान अब है कितने !!!
my-enemy-is-here-how-many-ghazals
मेरा दुश्मन हैं कितने
मेरे आस-पास हैं जितने
बातें मीठी-मीठी मगर
व्यवहार में नहीं दिखे हैं जितने
मैं समझता हूं मतलबी युग है
अपने पराएं हैं जितने !!!!
मेरा दुश्मन कोई और नहीं
मैं जानता हूं यहां किसी का नहीं
प्यार, मोहब्बत सब कहते हैं
लेकिन व्यवहार में उतारता कोई नहीं !!!
0 टिप्पणियाँ