मैंने तुम्हारी स्वीकृति ली - प्रेम कविता

i-accept-your-love-poem-

 मैंने तुम्हारी स्वीकृति

पढ़ ली थी
तुम्हारी आंखों से
तुम्हारी बातों से
तुम्हारा अपनापन से 
मेरे हृदय की ग्रंथियों में
रक्त संचार बढ़ा गया था
तुम्हारे पास आने से
मैं समझ तो नहीं पाया
लेकिन इतना जानता हूॅं
तुम मुझे बहुत कुछ दे चुके हो
इस कठोर दुनिया में
अपने प्यार की कोमलता से
उसकी शीतलता से
मुझे नहला चुके हो
और अब मैं 
अपने शेष जीवन को
सदा हरा करता रहूंगा
तुम्हारे प्यार के अहसास से !!!

तुम न आते तो
तुम न भाते तो
मुझे महसूस नहीं होता
अपने आसपास की दुनिया
उसकी सुन्दरता उसकी कोमलता को
मैं स्पर्श नहीं कर पाता
यदि तुम न आते
मुझे अहसास नहीं होता
ये दुनिया मेरी भी है !!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 तुम क्या गए 
i-accept-your-love-poem-

 
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ