कई सवाल एक साथ निकलते हैं
उसके शब्दों में कई अर्थ निकलते हैं
कहा उसने झूठ मगर सच के बराबर
सियासत में कई अर्थ निकलते हैं
आलोचना की मगर नेक इरादे नहीं
सुधार नहीं मिले थकान निकलते हैं
आदमी का यकीन करें तो करें कैसे
मतलब में अक्सर साथ निकलते हैं
अक्लमंदी की बातें केवल बातें हैं
झूठे लोगों के मुंह से क्यों निकलते हैं
उसे दें दो धन दौलत सारी दुनिया की
और की चाहत में शिकायत निकलते हैं
इस तरह से मिलना कोई मिलना है 'राज'
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