उसकी अदावत गई बल की-
उसकी अदावत गई बल की
अब रस्सी जल गई है कल की
न ताकत बचा न शौहरत बची
असलियत पता चल गई कब की
उसे अब तक गुमान था अपनी सोच पर
एजेंडा ज़ाहिर हो गया है उसकी नीयत की
प्रसिद्धि में दो लफ्ज़ बोल पड़ते थे
ताकि जाहिर हो समझदारी उसकी सोच की
-राजकपूर राजपूत
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