दुनिया चाहती है

दुनिया चाहती है

हर कोई उसकी सुनें

वो आगे-आगे चले

और बाकी उसके पदचिन्ह चुनें

दुनिया चाहती है

न कभी किसी का भला

वहीं खुश है यहाॅं जो

हमेशा अकेले चला


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