प्रेम रिश्तों का जोड़ है Prem-Rishto-Ka-kavita-hindi

Prem-Rishto-Ka-kavita-hindi

 योग

दो वस्तुओं का जोड़

जो परस्पर समाहित होकर

अपना-अपना अर्थ खो देते हैं

मायने नहीं रह जाता है

अपने-अपने मूल्यों का

अहमियत की

नीयत की

एकात्म भाव से

जिसके अर्थ निकलते हैं

एक-एक वस्तुओं के बीच में

जैसे जोड़ होते हैं

वैसे ही रिश्तों में

प्रेम होते हैं

जो जोड़ देते हैं

रिश्तों को

इंसानों को

जैसे आत्मा से परमात्मा को

समाहित कर लेते हैं

एक रूप में !!!!

Prem-Rishto-Ka-kavita-hindi

आश्वासन प्रेम का

निश्चिंतता देता है

जब तक पास होने का अहसास है

दूरी का मायने नहीं है

प्रेम पास है !!!



Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ