जिसको मंजिल प्यारी है

जिसको मंजिल प्यारी है 


 जिसको मंजिल प्यारी है

उससे दुनिया हारी है

भले मंजिल दूर हो मगर

सदा चलने की तैयारी है

लाख मुसीबत हो मगर

कोशिश उसकी जारी है

बहाने बना के ठहर गए

उसके कदमों की लाचारी है

स्वागत में उसकी मंजिल खड़ी है

जिसकी आंधियों से यारी है

न भय है न डर है कहीं

बेफ्रिक्री में जीने की तैयारी है 


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