यहाॅं हर चीज़ तो मिला है

 किस बात का गिला है

यहाॅं हर चीज़ तो मिला है

उसके इज़हार भी क़यामत है

नैन मिले और दिल खिला है

प्यार बिना भटकते हो तुम

बागों में कब से फूल खिला है

ज़रा महसूस तो करो मुझे सीने में

मेरी बाहों में ही संसार मिला है

राम नाम से पांव जमा दी अंगद ने

फिर पूरी लंका से कहॉं हिला है


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