निराशा के लिए कुछ नहीं है जिंदगी

 निराशा के लिए कुछ नहीं है जिंदगी

आशा के लिए बहुत कुछ है जिंदगी

लाख कोशिशों के बावजूद उदासी नहीं टूटी

नफरतों के साए में फंसी हुई है जिंदगी

बेशक सवालों के अंबार लगा के मुस्कुरा लो

तर्कों की कसौटी पे कितनी बची है जिंदगी

जो जीते हैं हर हाल में मुस्कुरा लेते हैं

मुसीबतों को मोहब्बत से सुलझा लेती है जिंदगी


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