साहित्य और समझ

 साहित्य उन लोगों के लिए नहीं है जो इसे भौतिक सुख के रूप में देखते हैं । साहित्य उन लोगों के लिए भी नहीं है जो इसे पद-प्रतिष्ठा के रूप में मानते हैं । जिसे प्रदर्शन रूप में देखा जा सकता है । महसूस किया जा सकता है ।

साहित्य उन भावनाओं की अभिव्यक्ति है जो मानवीय संवेदना, मूल्यों को उजागर कर बढ़ोतरी करते हैं । साहित्य संवेदनाओं की असीम पीड़ा है । जो टूटे हुए को जोड़ते हैं । बढ़ोतरी करते हैं ।दबी संवेदनाओं को जागृत करते हैं । एक रचनाकार के रूप में । 

किसी साहित्य को समझने के लिए संवेदनाओं की कशक होनी चाहिए । हृदय के भीतर असीम प्रेम । जिसमें डूबने के लिए आतुर मन होना चाहिए ।  जिसे बाह्य आंकलन से नहीं जाना जा सकता है । जिसे पाया नहीं जा सकता है ।


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