खुद को सुरक्षित करना सबका फर्ज है Poetry Secure Relationships

Poetry Secure Relationships 

 खुद को सुरक्षित करना सबका फर्ज है

मगर याद रहे इंसानियत भी एक क़र्ज़ है

मतलब में जीना कोई समझदारी नहीं है

काम आओ, ऐसे रिश्ते निभाने में क्या हर्ज है !!!


साबूत प्याज काट लो यारों

तत्काल में रूलाएगा जरूर

मगर काटकर सब्जी में डाल दिए तो

सब्जी में स्वाद आएगा जरूर

याद रखना कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं

कड़वा है मगर रामबाण दवा है जरूर 

जो जितना लड़ते झगड़ते हैं और मिल जाते हैं

वहां देखना बहुत प्यार होगा जरूर !!!!

Poetry Secure Relationships

 मैंने जब

सब कुछ छोड़ कर

तुम्हारे पास आया था

सारी दुनिया से

कुछ नहीं चाहा था

सिवाय तुम्हारा स्पर्श

सदा पाने का

जिसकी छुवन

मुझे शीतलता देती है

मेरे मन की कोमलता को

मजबुती देती है

और महसूस करता हूं

फूलों का गंध

सूरज की रौशनी की चमक

खुद के भीतर

जिसे दुनिया देख नहीं पाती है 

लेकिन मैं खुश रहता हूं

भीतर ही भीतर

एक तेरे भरोसे

इसलिए मैंने सदा

तुम्हारे पास की जगह

अपने लिए

बनाने की कोशिश की है !!!!



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