मुझे मिटा कर क्या पाओगे
क्या मेरा प्यार भूला पाओगे
आसान नहीं है प्यार बिना जीना
तन्हाई में खुद को समझा पाओगे
खैर दिन गुजर जाता है आसानी से
मगर रात में दिल को बहला पाओगे
मंजिल फूलों की राहों से नहीं मिलती
क्या तेज धूप में बदन जला पाओगे
खुश हूॅं कहना मन की तसल्ली है
क्या अकेले में मन को समझा पाओगे
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