फासला काम न आया
दिल को आराम न आया
कभी ऐसा दिन न गुज़रा
मेरे होंठों पे तेरा नाम न आया
चलता रहा लगातार सफ़र में
सोचता हूॅं अभी मुकाम न आया
कुछ दूरी से रिश्ते खत्म नहीं होते
मेरी चाहत में कभी विराम न आया
फासला काम न आया
दिल को आराम न आया
कभी ऐसा दिन न गुज़रा
मेरे होंठों पे तेरा नाम न आया
चलता रहा लगातार सफ़र में
सोचता हूॅं अभी मुकाम न आया
कुछ दूरी से रिश्ते खत्म नहीं होते
मेरी चाहत में कभी विराम न आया
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