फासला काम न आया

 फासला काम न आया

दिल को आराम न आया

कभी ऐसा दिन न गुज़रा

मेरे होंठों पे तेरा नाम न आया

चलता रहा लगातार सफ़र में

सोचता हूॅं अभी मुकाम न आया

कुछ दूरी से रिश्ते खत्म नहीं होते

मेरी चाहत में कभी विराम न आया


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