साल भर में एक बार तीज पर

साल भर में एक बार तीज पर 


 साल भर में एक बार तीज पर

बेटियां आती हैं मायके लीज पर

शर्त है पति का रहना है दो-तीन दिन

फिर भी आती है मायके इसी सीज पर

खुशी से कदम मचलते हैं मायके की

भूले बिसरे बातें होती है हर चीज़ पर

दबी भावनाएं मचलने लगी सबसे मिल के

आज भी ताजगी है रिश्तों के हर बीज पर

रहती है व्रत पति की लम्बी उम्र के लिए

निर्जला व्रत खाना पीना पड़े हैं सब फ्रीज पर

सारे नियम और शर्तें है हर औरत की मगर

पुरूष जीता है अपनी मर्जी और निज पर


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