जय श्री कृष्णा shayari shrikrishna shayari shrikrishna

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 प्रेम की ऐसी धारा बहा दिया

दुनिया वालों को जीना सीखा दिया

भूल गए थे जिसने जीना कैसा है

हे ! कुंजबिहारी तुने गीता सुना दिया !!!!


रहा घिरा सदा अपनों से 

लड़ा युद्ध सदा अपनों से 

कितना कठिन था जीत पाना 

लें कर पीड़ा सदा अपनों से 

मुस्कान बिखरे चेहरा तेरा 

छल मिला कपट मिला सदा अपनों से 

हे कान्हा तू अद्भुत था 

लगा सदा तुम अपनों से !!!!

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दर्द मिले सदा 

लेकिन मुस्कुराएं सदा 

जीवन चाहें जितना कठिन हो 

प्रेम की राह सीखाएं सदा

ऐसे मेरे नंदलाल है 

हर स्थिति में तेरे नाम से जीते हैं सदा !!!

श्री कृष्ण नहीं आएंगे 

उनके बुलाने पर 

जो दोगलेपन से भरें हैं 

ऊपरी सतह है जिनकी 

भावना नहीं जिनकी 

हृदय से 

सवाल उठाकर 

तर्क का नाम देकर 

पुकारने वालों से 

श्री कृष्ण नहीं आएंगे !!!!

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