वो मंजर

 वो मंजर याद है तुम्हें

जब हम मिले थे

साथ-साथ चले थे

अपने सफर में

मुस्कुराते हुए

फूल थे कांटे थे

आपस में बांटे थे

खुशियां थी गम था

लेकिन  कम था

फिर भी चले थे

साथ-साथ !!


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