वो मंजर याद है तुम्हें
जब हम मिले थे
साथ-साथ चले थे
अपने सफर में
मुस्कुराते हुए
फूल थे कांटे थे
आपस में बांटे थे
खुशियां थी गम था
लेकिन कम था
फिर भी चले थे
साथ-साथ !!
वो मंजर याद है तुम्हें
जब हम मिले थे
साथ-साथ चले थे
अपने सफर में
मुस्कुराते हुए
फूल थे कांटे थे
आपस में बांटे थे
खुशियां थी गम था
लेकिन कम था
फिर भी चले थे
साथ-साथ !!
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