बहुत कुछ सीखा है आपसे Poetry bahut kuch sikha

Poetry bahut kuch sikha 

 बहुत कुछ सीखा है आपसे

अब क्या बताएं हम आपसे

कविता,गजल की बारिकियां सीखी

हमें बहुत प्यार मिला है आपसे

तुम्हें देख के ऐसा लगता है

मेरे दिल को सुकून मिला है आपसे

तुम आ जाते बहार बनकर

मेरे प्यार को क़रार मिला है आपसे

जिंदगी छोटी और वक्त कम है

फिर भी जीने का मजा आया है आपसे !!!

Poetry bahut kuch sikha

वो मर जाएगा 

एक कवि होकर 

जिसने लिखी है 

अभी-अभी कविता 

किसी आम इंसानों पर 

उसकी आस्था पर 

उसके विश्वासों पर 

जो मर चुका है 

एक कवि के रूप में 

जो तथाकथित साहित्यकारों की श्रेणी में है 

अपने साथ-साथ 

आम आदमी को 

अविश्वास का माहौल बनाकर गया  !!!!


उसकी कविताओं में 

नकारात्मक ऊर्जा थी 

जिसे मिला 

थक गया 

लोग अब 

यही सोचते हैं 

बिना उत्साह के 

हर चीज़ में कमियां 

ढूंढ लेती है 

जिसे वो तर्कशील होने का प्रमाण मानता है 

जबकि वो मर चुका है 

अपनी नकारात्मकता से !!!!


बहुत कुछ सीखा है आपसे 

राजनीति के हथकंडे 

पैसों के लिए 

गिर जाना 

गिरकर भी शर्म न आना 

तुम्हारे चाटूकारों की कला है 

मगर मैं जानता हूं 

मेरा जीवन 

तुझसे भला है 

मुझमें दिखा है 

बहुत कुछ सीखा है 

तुम जैसे लोगो की बातों में 

न आना !!!

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---राजकपूर राजपूत''राज''




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