शायद-
शायद
मेरी रूह की गहराई तक
उतर के
किसी ने नहीं जाना
जाना तो इतना जाना
मेरा जिस्म तक जाना
जो मौसम अनुसार बदलते हैं
बिना प्रयास के
इसलिए
मेरी रूह सुनी है
अनंत काल से
किसी के इंतजार में
जो समझ सकें
दिल की बात !!!!
शायद
मेरी रूह की गहराई तक
उतर के
किसी ने नहीं जाना
जाना तो इतना जाना
मेरा जिस्म तक जाना
जो मौसम अनुसार बदलते हैं
बिना प्रयास के
इसलिए
मेरी रूह सुनी है
अनंत काल से
किसी के इंतजार में
जो समझ सकें
दिल की बात !!!!
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