क्या सोचते रहते हो
ख्यालों में खोए रहते हो
कुछ नहीं मिलेगा यहॉं
क्यों खुद से गुफ्तगू करते हो
सवाल जवाब में उलझा है मन
कभी आराम भी करते हो
उसे समझाना मुश्किल है
जो किसी और से प्यार करते हो
उम्मीद थी इसलिए शिकायत थी
ऐसे भी तुम प्यार करते हो
क्या सोचते रहते हो
ख्यालों में खोए रहते हो
कुछ नहीं मिलेगा यहॉं
क्यों खुद से गुफ्तगू करते हो
सवाल जवाब में उलझा है मन
कभी आराम भी करते हो
उसे समझाना मुश्किल है
जो किसी और से प्यार करते हो
उम्मीद थी इसलिए शिकायत थी
ऐसे भी तुम प्यार करते हो
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