poetry song.
क्या प्रेम कर पाओगे
नित नए दर्द सह पाओगे
प्रेमी की व्यथा ऑंखों में होती है
क्या ऑंखों को पढ़ पाओगे
कर न पाए प्रेम में आग्रह
क्या तुम समझ पाओगे
खो जाते हैं लोग इस भीड़ में
क्या हदय में यादें सजो पाओगे
जो उतरती चढ़ती है दिल्लगी
क्या मेरी नजरों में ठहर पाओगे !!!
poetry song
प्रेम में असफल हूं
फिर भी प्रेम में हूं
हारा तो भी जीत की उम्मीद
मैं प्रेम में हूं
उससे धोखे मिले बार-बार
दिल को समझाया बार-बार
न समझे बार-बार
क्योंकि मैं प्रेम में हूं !!!
असफल होने की परवाह नहीं
दर्द मिलें लेकिन आह नहीं
एक बार नजरों में बैठाया है
कभी दूसरों की चाह नहीं !!!!
जीना तो चाहता हूं
जीना तो चाहता हूं उसके साथ
मगर जी नहीं पा रहा हूं
दर्द है सीने में
मगर कह नहीं पा रहा हूं
वो बड़े हो गए हैं भगवान की तरह
सब कुछ मिल जाएगा बिन मांगे
इसलिए प्रार्थना कर रहा हूं
वो जब समझेंगे तो कृपा होगी
इसलिए इंतजार कर रहा हूं !!!!
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