तुम्हारे लिए कठिन है
राम का जीवन
तुम्हारे लिए कठिन है
राम का पथ
क्योंकि तुम
हिसाब- किताब करते हो
रिश्तों में
लाभ -हानि का
सुविधा में जीने का
अभ्यस्त हो
तेरे व्यक्तिवादी सोच
खुद के हितों के प्रति सचेत है
जिसकी पूर्ति के लिए
किसी भी हद तक गिर सकते हो
जिसके कारण तुम
व्यक्तिवादियों के आदर्श बन सकते हो
शिक्षित होना या समझदार होना
तुम्हारे हक मांगने की प्रवृत्ति और प्राप्ति के तरीके निर्धारित करते हैं
तुम जिस हद तक शोर करते हो
जिसका अनुसरण
आज के जमाने करते हैं
जबकि राम
सम्पूर्ण जगत के हितों का ख्याल रखते हैं
जिसके लिए कष्ट सहते हैं
जबकि तुम इसके लिए तैयार नहीं हो !!!
---राजकपूर राजपूत''राज''
0 टिप्पणियाँ