देश और दुनिया
दिल इंसान का सबसे खूबसूरत हिस्सा है
लेकिन दिमाग की चाल में सब किस्सा है!!!
चालाकी ही तोड़ दिया सबको वर्ना
आज भी मजा था जीने का, मरने का !!!
वो सोचता है दुनिया बदल दुंगी
जज़्बात खत्म तो क्या मतलब है फिर जीने का
न जाने कब से चालाकी को विज्ञान मान बैठे
हमने देखा है उसकी मुर्खता बेहिसाब का
कितनी भी चालाकी और सियासत कर लो
आखिर उतरेगा चेहरा नकाब का !!!
वो समझ बैठे हैं जमाने को गवार
हमने देखा है उसमें जमाने भर का गवार !!
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