न जाने कब मौत आएगी इंसान पर

न जाने कब मौत आएगी 



न जाने कब मौत आएगी इंसान पर
इसलिए जीत पर कभी न गुमान कर

धन दौलत हो इफरात तो बुराई आती है
जितनी जरूरत है उतना ही अरमान कर

खो जाती हैं हस्तियॉं जमाने की दौड़ में
हो जाती है गलतियॉं खुद की पहचान कर

थकावट आती है दुनिया की बातों को सुन के
जिंदादिल है तो ऐसी बातों से अनजान कर

जब भी न्याय की बातें होगी तेरा नाम आएगा 
सवाल उठाने से पहले जवाब की पहचान कर

बड़ी - बड़ी बातों से रिश्ते चला नहीं करते हैं
छोटी -छोटी बातों पे भी अब ध्यान कर 
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