न जाने कब मौत आएगी
न जाने कब मौत आएगी इंसान पर
इसलिए जीत पर कभी न गुमान कर
धन दौलत हो इफरात तो बुराई आती है
जितनी जरूरत है उतना ही अरमान कर
खो जाती हैं हस्तियॉं जमाने की दौड़ में
हो जाती है गलतियॉं खुद की पहचान कर
थकावट आती है दुनिया की बातों को सुन के
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