शून्य की ध्वनि Spiritual thoughts

 शून्य की ध्वनि जो सुनने लगते हैं । Spiritual thoughts.वे चेतन तत्व के करीब खुद को पाते हैं । जिसके एक-एक ध्वनि में जीवन का सार है । नवसृजन और संहार है । ऐसे तत्व के क्रिया/प्रतिक्रिया का आत्मानुभूति जो करते हैं,, वही आनंद से परिपूर्ण जीवन जीते है । 

Spiritual thoughts

शुन्य की ध्वनि सुन सकता हूं , बाहर/भीतर । उस खालीपन को जिसमें दिखाई देता है । असीम ऊर्जा । जिसकी क्रिया/प्रतिक्रिया अत्यंत सुक्ष्म और महत्त्व हैं । जिसमें निर्लिप्तता के भाव हैं । जो सब जगह तथा सबमें विद्यमान हैं । 

जिसकी उपस्थिति से ही दुनिया चलती है । मनुष्य और जीव भी । हालांकि समझ नहीं पाते हैं । उसकी प्रकृति से उलझे रहते हैं । जिसमें सम्पूर्ण दृष्यमान जगत को स्वयं के भीतर समेट सकने की क्षमता रखता है । जिसके बाद जो खालीपन है । शून्य है । उसमें ही गति करने की क्षमता है ।  जो अचानक से उत्पन्न नहीं होता है । जबकि स्थिर है सदा। जिसने प्रकृति को बनाया है और छोड़ दिया है । जिसे जरा सा भी लगाव नहीं है । 

लोग कहते हैं वह ईश्वर मदद करेगा । इसलिए उसकी प्रार्थनाएं करते हैं । जबकि ईश्वर मनुष्य को अपने जैसे निर्लिप्त और वैराग्य के साथ जीने के लिए प्रेरित करते हैं ।‌

न कि लालच । जिसके बहाने स्वयं की स्तुति करवाया जा सके । संसार में जितने भी ज्ञानी हुए हैं । दृष्टा के रूप में हुए हैं । जिसने जगत को माया मोह कहा है । फंसने की बातें नहीं करते हैं । जो फंसा हुआ है । वह आदमी जरुर प्रार्थनाएं कर सकते हैं । लेकिन जो मुक्त जीवन जी रहे हैं । वह बंधन का संदेश नहीं दे सकते हैं । 

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