मेरे मरने तक- कविता

मेरे मरने तक-


मैंने कागज़ पर नहीं लिखा है
मोहब्बत की बातों को
जिसे तुम आसानी से फाड़ दो
तेरी मोहब्बत मेरे सीने में है
मेरे मरने तक इंतजार करना पड़ेगा तुझे
मैं नहीं चाहता तुम यूं ही बदनाम हो
जबकि मोहब्बत नहीं है तुझको
जीना उसी के लिए
जिससे प्यार हो
दिल में एतबार हो
जब नफ़रत में बदल गई है मोहब्बत तो
क्यों अब भी एतबार है तुझको

राजकपूर राजपूत

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