खुद को सम्भालोगे तो सम्भल जाओगे Take Care of yourself Ghazal

Take Care of yourself Ghazal

जैसा सोचोगे वैसा बन जाओगे 

जैसा सोचोगे वैसा बन जाओगे
खुद को सम्भालोगे, सम्भल जाओगे

चाहत होगी तो पाने की कोशिश होगी
इसी तड़प में सुबह जल्दी उठ जाओगे

केवल ख्वाब बुनने से क्या होता है यारो
सफ़र कठिन है चलोगे तो समझ जाओगे

लोगों की बातों से अब मतलब झलकता है
जब जरूरत होगी तो समझ जाओगे 

बड़ी सावधानी से बनाते हैं आजकल रिश्ते
संभल संभल कर चलने से भी गिर जाओगे  

हौसला है तो जमाने बदल जाते हैं "राज"
ऑंधियों से टकराने से ही कुछ कर जाओगे !!!!

Take Care of yourself Ghazal


सावधान 
किसी के विचारों में पेश कर्ता के विचार मिलेंगे 
वो जिहादी हो सकता है कहां लिहाज मिलेंगे 

विचार उसे थोपना था अपनी गंदी सोच का 
सोशल मीडिया पर एक नहीं हज़ार मिलेंगे 

लिखने वालों ने क्या खुब लिखा है 
मूल स्वरूप को पढ़ने वाले कहां मिलेंगे !!!!

खुद को सम्हालोगे तो सम्भल जाओगे 
डरोगे तो डरो यहां से कहां जाओगे 

एक दिन खुद को साबित करना पड़ता है 
सफलता की चाह तो कहां सो पाओगे !!!!

-राजकपूर राजपूत 



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