When Will you Accept Poetry
तू कब माने
कौन जाने
तू कब माने
मेरे दिल की बात
उसपर अंधेरी रात
फिर तन्हाई
तेरी याद ले आई
जहॉं मेरा मन
तेरे ख्यालों में खो जाता है
कुछ ख्वाब बुनकर सो जाता है
इसी उम्मीद में
कभी हकीकत होगी
लेकिन !
कौन जाने
कितना सच होगा
कितना झूठ होगा
मेरा प्यार !!!
तू कब माने
तर्क तेरे
फर्क जाने
मोहब्बत की बातें
एजेंडों का सहारा
आतंकियों को
भाईजान जाने
तेरे इरादे इतने ख़तरनाक
मोहब्बत का अर्थ
नष्ट कर मानें !!!!
When Will you Accept Poetry
गाली देना
तेरी फितरत है
तेरे संस्कार
इससे
तेरी औकात नहीं
तेरे इरादे
समझ आंतें हैं !!!!
कहां कई बार
लेकिन तुम न माने
इरादे कुछ और था
हमें ग़ैर माने
इतना जताया प्यार मगर
हमारे दिल की न माने !!!!
2 टिप्पणियाँ
Bahut Sundar
जवाब देंहटाएंधन्यवाद 🙏
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