प्रेम मांगता कम है देता ज्यादा है
प्रेम बिना कुछ कहे समझता ज्यादा है
प्रेम की राह में तकलीफ़ है जानते हैं
दर्द मिले जरूरी नहीं सुकून भी ज्यादा है
आदमी कभी तन्हा नहीं होता
जिसके सीने में प्रेम ज्यादा है
आदमी उस राह से गुजर जाएगा
जिस राह में पत्थर, कांटे ज्यादा है
उसकी दिल्लगी है सबसे लड़ जाएगी
जो जानते हैं दोस्त कम दुश्मन ज्यादा है
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