मैंने इक कविता लिखी है
तुम्हारे लिए
जिसके शब्द-शब्द में
तुम हो
जिसके भावों में
जिसके अलंकारों में
तुम हो
जिसे जब चाहे पढ़ता हूॅं
महसूस करता हूॅं
अपनी साॅंसों में
तुम्हारी खुशबू
मेरी कविताओं के
शब्द-शब्द में
और तुझे पाता हूॅ॑
इस तरह मैं
अपने पास
अपनी कविताओं में !!!!
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