नफ़रत

चाहता तो
मैं भी कह देता
दो चार बातें
कठोर
लेकिन मैं जानता हूॅ॑
तुम टूट कर
बिखर जाओगे
तुममें सहने की
क्षमता कहॉं है
इसकी वजह भी है
तेरे सीने में
प्यार कहॉं है
नफ़रत के अंधे
संभलते कहॉं है
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