हक़ की बातें करना आजकल फैशन बन गया है । जबकि कर्तव्य को लोग भूलते जा रहे हैं ।
गजल हिन्दी में 👇👇👇
हक आपका फैशन है
इसी बात का टैशन है
बातें उसकी बड़ी बड़ी
जो जीभर लेते पैंशन है
आदमी का क्या भरोसा
सच/झूठ का फैशन है
कल भी होगी सुबह
बस रात भर का टेंशन है
इंतजार में पल -पल की गिनती है
मिल गए तो कोई टेंशन है !!!
इंतजार
वहम है
आशा की
जैसे किसान पाल बैठता है
बादलों से
गर्जना और चमकना देखकर
बादलों को खबर नहीं होती है
कहां बरसना है !!!!
-राजकपूर राजपूत
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